समुद्री संसाधनों के अन्वेषण और दोहन के लिए उपयुक्त अंर्तजलीय वाहनों की आवश्यकता है। अंर्तजलीय वाहनों का तेल एवं गैस और खनिजों आदि की खोज, रक्षा, निगरानी, पाइप लाइन सर्वेक्षण, ड्रिलिंग समर्थन, तेल और गैस अन्वेषण आदि के क्षेत्रों में अनुप्रयोग किया जा रहा है। हाल ही में 6000 मीटर की गहरी क्षमता वाले आरओवी के विकास के साथ भारत इस तरह की तकनीक रखने वाले चुनिदा राष्ट्रों के समूह में शामिल हो गया। महासागरों, इसके संसाधनों की खोज और अंर्तजलीय प्रणाली के कार्य निष्पादन का आकलन करने में हमेशा से अप्रत्यक्ष तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। उपयुक्त अवलोकन, नमूना और हस्तक्षेप के उपकरणों के साथ वैज्ञानिकों के साथ जहाज पर एक मानवयुक्त पनडुब्बी गहरे समुद्रों में प्रत्यक्ष अवलोकन और हस्तक्षेप और नमूना लेने के लिए एक उपकरण हो सकती है। महासागर प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं के विभिन्न चरणों में मानव युक्त पनडुब्बीनुमा यंत्र द्वारा लिए गए प्रत्यक्ष अवलोकन की आवश्यकता होती है और इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए मानव सहित पनडुब्बी को किराए पर लेना अव्यावहारिक होगा।
क) उद्देश्य :
- संयुक्त प्रतिभागी के सहयोग से तीन चालक दल के सदस्यों और वैज्ञानिक उपकरण को ले जाने की क्षमता के साथ 6000 मीटर की गहराई के लिए एक मानवयुक्त पनडुब्बी को डिजाइन और विकासित करना।
- उथले पानी और ध्रुवीय अनुप्रयोग के लिए कार्य श्रेणी के दूरस्थ प्रचालित वाहन का विकास (500 मी. गहराई तक मूल्यांकित)।
ख) प्रतिभागी संस्थाएं:
राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नै।
ग) कार्यान्वयन योजना:
संयुक्त प्रतिभागी की मदद से 6000 मी की जल गहराई तक एक पायलट और दो वैज्ञानिकों के ले जाने में सक्षम एक मानव युक्त पनडुब्बीनुमा यंत्र को विकसित किया जाएगा।
दूरस्थ प्रचालित वाहन निर्माण में प्राप्त अनुभव के आधार पर 6000 मीटर की गहराई के लिए आधुनिकतम कार्य श्रेणी के गहरे पानी आरओवी का संवर्धित विनिर्दिष्टताओं के साथ विकास किया जाएगा। अपतटीय उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप एक उथले पानी के आरओवी को विकसित किया जाएगा। यह आरओवी ध्रुवीय क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों करने के लिए भी उपयोगी होगा।
वैश्विक निविदा के माध्यम से मानवयुक्त पनडुब्बी के विकास के लिए संयुक्त भागीदार का चयन किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय प्रमाणित एजेंसियों जैसे, डीएनवी, एबीएस आदि द्वारा पनडुब्बियों को वर्गीकृत किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिजाइन, विकास, असेंबली और परीक्षण के हर स्तर पर भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सक्रिय भागीदारी से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को पूरा किया जाएगा।
गहरे पानी कार्य श्रेणी आरओवी और उथला जल ध्रुवीय आरओवी का विकास अब तक प्राप्त अनुभव के आधार पर आंतरिक रूप से ही किया जाएगा। उद्योग प्रयोक्ताओं और अन्य अनुसंधान संगठनों के सहयोग से क्षेत्र परीक्षण और अन्वेषण का अध्ययन किया जाएगा।
बुनियादी सुविधाएं / प्रयोगशाला आवश्यकताएं
टो वाहनों के लिए परीक्षण जैटी प्रस्तावित हैं। समूह द्वारा 3 मीटर की ऊंचाई के साथ 1.5 मीटर x 1.5 मीटर x 3 मीटर ऊंचाई और टीथर प्रबंधन प्रणाली के आयामों के साथ एक दूरस्थ प्रचालित वाहन विकसित किया गया। हवा में इस प्रणाली का समेकित वज़न 8 टन है। 20 टन वजन के साथ एक मानवयुक्त पनडुब्बी निहाई तैयार होने के चरण पर है। प्रस्तावित खाडी में इस प्रकार के अंर्तजलीय वाहनों को जोड़ने, एकीकृत करने परीक्षण करने की सुविधा होगी।
घ) वितरण योग्य :
- मानवयुक्त पनडुब्बी।
- मानवयुक्त पनडुब्बी।
ङ) बजट की आवश्यकता : 206.00 करोड़
(करोड़ रु)
योजना का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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मानव सहित और मानव रहित अंर्तजलीय वाहन | 27.00 | 48.00 | 56.00 | 55.00 | 20.00 | 206.00 |