वन आवरण में कमी, जनसंख्या वृद्धि, घरेलू कचरे का उत्पादन, मत्स्य उत्पादन में कमी, पर्यटन विकास, आदि द्वीपों के साथ जुड़ी हुई समस्याएं हैं। इस संबंध में, कम से कम द्वीप समूह के लिए तीन प्रमुख मुद्दों जैसे खाद्य, ऊर्जा और पानी में सुधार किया जाना चाहिए। इसका तात्पर्य पर्यावरण अनुकूल तरीके से इन मुद्दों पर आत्मनिर्भरता बनाना है। इन क्षेत्रों में हमारे ज्ञान को बढ़ाने के लिए एनआईओटी में विकसित/ विकासशील सभी प्रौद्योगिकियों एक भारतीय द्वीप पर स्थापित की जाए और एक मॉडल समुदाय बनाया जाए।
राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नै।
इन सुविधाओं की स्थापना के लिए एक उपयुक्त द्वीप की पहचान की जाएगी। चूंकि यह सामाजिक महत्व का एक कार्यक्रम है, अत: स्थानीय आबादी और अधिकारियों को सुविधाओं के नियोजन और स्थापना, चलाने और रख-रखाव रखने में शामिल किया जाएगा।
जहां कहीं आवश्यक हो, शैक्षिक संस्थानों, अनुसंधान और विकास संगठनों, उद्योगों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग में यह काम करने का प्रस्ताव है।
एक मॉडल द्वीप समुदाय
(करोड़ रु. में)
कार्यक्रम का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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द्वीप समुदाय के विकास के लिए प्रौद्योगिकियां | 11 | 16 | 17 | 16 | 10 | 70 |
Last Updated On 06/19/2015 - 12:47 |