समुद्री रंग उपग्रह डेटा उत्पागदों (क्लोेरोफिल, एसएसटी, केडी-490 तथा टीएसएम) के प्रचालनात्मंक सृजन की गतिविधि को एक वैश्विेक पहल जिसे क्लोारोफिल वैश्विरक एकीकृत नेटवर्क (क्लोकरोजिन) परियोजना के नाम से जाना जाता है, से जोड़ा जा सकता है। मोडिस - एक्वा डेटाका उपयोग करते हुए समुद्री रंग के उत्पादसृजित करने के लिएएक स्वत: डेटा प्रोसेसिंग श्रृंखला (एडीपीसी)की स्थापना की गई है। हिंद महासागर क्षेत्र के निम्नलिखित देशों: भारत, श्रीलंका,ईरान,केन्या,मालदीव,ओमान,तंजानिया और थाइलैंडके लिएडेटा उत्पादों कोनिकट वास्तविक समय (एनआरटी)में सृजित किया जा रहा है औरएक वेबसर्वर के माध्यम से प्रसारित किया जारहा हैं।स्पिनऑफ के रूप में,लाइवमोडिस- एक्वाडेटाके साथब्लू मसूचकांकों (बीआई) के रूप में एक मूल्य वर्धित उत्पादभी सृजित किया गया है।
समुद्रीरंग में परिचालन के साथ-साथ अनुसंधान गतिविधियों में शामिल वैज्ञानिक समुदाय के लिए सैटकौरकार्यक्रम अत्यधिक लाभकारी पाया गया है। सैटकौर कार्यक्रम का लक्ष्यव भारतीय तटीय जल में अंतर जल घटकों जैसे कि क्लो्रोफिल,सीडीओएम तथा टीएसएम की बॉयो ऑप्टिौकल विशेषताओं का स्वलस्थाघने डेटा बेस प्रदानकरवाना है। बॉयो आप्टिोकल विशेषताओं पर सूचना का उपयोग विद्यमान एल्ग्रो रिथ्मं के सत्याटपन के साथ-साथ ऑप्टि क्लील रुप से जटिल तटीय जलों में नए एल्ग्रो रिथ्मस के विकास और तटीय रेखा उद्देश्यव के लिए क्षेत्र हेतु एक व्यायपक समुद्री रंग एटलस को विकसित करने के लिए किया जाएगा। क्लोरोफिल की पुन:प्राप्तिाके लिएनए याउन्नतएल्गोरिदम सेसंभावित मत्स्य क्षेत्र (पीएफजेड) परामर्शी सेवाओं में सुधारकरने में भी मदद मिलेगी।
Last Updated On 06/11/2018 - 14:34 |