उन आधारभूत भू-रासायनिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए माइक्रोमीटर स्केल पर सूक्ष्म बहुतापीय समस्थानिक विश्लेषण को समझना आवश्यक है जो सामान्यतया सबमाइक्रोन स्केल पर आयनिक विसरण द्वारा नियंत्रित की जाती हैं। पारंपरिक समस्थानिक विश्लेषण की तुलना में एसआईएमएस इंस्ट्रमेंटेशन (विन्यास) में किए गए विकास में सक्षम आयन संचरण और उच्च द्रव्य रिजोल्यूशन शामिल है जो कि ठोस नमूनों में सीधे-सीधे चयनात्मक विश्लेषण पर ~1 माइक्रोमीटर तक उच्च स्थानिक रिजोल्यूशन वाले सूक्ष्म स्वस्थाने समस्थानिक अनुपात माप कर सकता है। अब इस तकनीक से वस्तुत: समग्र समस्थानिक आवर्त सारणी का स्वस्थाने समस्थानिक विश्लेषण अप्रत्याशित सूक्ष्मता और तीव्रता से किया जा सकता है। इन विकासों द्वारा वस्तुत: 'तारों में जीवन तक' (स्टार्स टू लाइफ) सभी विषयों में समस्थानिक भू रसायन के आयाम और अनुप्रयोग को काफी बढ़ा दिया है।
इस संदर्भ में, यह प्रस्तावित है कि पृथ्वी, वायुमंडलीय, समुद्रीय और ग्रहीय विज्ञान से संबंधित समस्थानिक भू रसायन और भू-कालक्रम में समकालिक नवीनतम अनुसंधान हेतु हाई रिजोल्यूशन सेकेंडरी आयोजनाइजेशन मास स्पेक्ट्रोमीट्रो हेतु राष्ट्रीय सुविधा केंद्र की स्थापना की जाए। यह केंद्र बहु-तत्वीय समस्थानिक भू-रसायन और भू-कालक्रम के क्षेत्रों में अनुसंधान के कई नए क्षेत्रों, जो कि वर्तमान में विश्व भर में आधारभूत और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी है; को सहायता प्रदान करेगा। इस सुविधा केंद्र द्वारा निम्नलिखित कुछ वैज्ञानिक प्रश्नों का समाधान किया जा सकेगा:
भारतीय पृथ्वी और ग्रहीय वैज्ञानिक समस्थानिक भू-रसायन में विशेषकर एएसआई-संवेदी उच्च रिजोल्यूशन आयन माइक्रो जांच (एसएचआरआईएमपी) या कमेका-आईएमएस 1280 एचआर एसआईएमएस जैसे विन्यास के प्रयोग से उन्नत अनुसंधान करने के लिए अधिकतर विदेशी प्रयोगशालाओं पर निर्भर करते हैं। यद्यपि पिछले दशक में चीन सहित विश्व भर में 40 ऐसे सुविधा केंद्र स्थापित किए गए, तथापि अभी यह नई प्रौद्योगिकी भारत में नहीं पहुंची है।
यह उल्लेखनीय है कि भारतीय अनुसंधान संस्थान ऐसे सुविधा केंद्र की स्थापना करने में सक्षम हैं। भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद में पारंपरिक एसआईएसएम और नैनो-एसआईएमएस प्रयोगशालाएं प्रचालनरत हैं । हाल ही में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के आंशिक सहयोग से राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनजीआरआई) में एक नया स्वस्थाने समस्थानिक विश्लेषण केंद्र (एलएएम-एमसी-आईसीपीएमएस) की स्थापना की गई है। नए राष्ट्रीय केंद्र समस्थानिक भू-रसायन और भू-कालक्रम के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य करेगा और यह न केवल उन्नत अनुसंधान अपितु पृथ्वी, वायुमंडलीय, महासागरीय और ग्रहीय विज्ञान के क्षेत्रों में उत्कृष्ट मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु भी अपार संभावनाएं उपलब्ध कराएगा।
(करोड़ रु.)
योजना का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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एचआर-एसआईएमएस | 15.00 | 40.00 | 30.00 | 20.00 | 10.00 | 115.00; |
Last Updated On 06/02/2015 - 12:14 |