प्रदूषण का प्रबंधन एक बड़ा कार्य है, क्योंकि समुद्री परिवेश को अपशिष्ट डालने के लिए हमेशा एक सुविधा जनक क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। समुद्री जल की गुणवत्ता को समुद्री जीवों के प्रजनन हेतु सुनिश्चित करने के लिए मत्स्य संसाधनों उत्पादकता बनाए रखना इनकी संख्या पर निर्भर करता है, समुद्री प्रदूषण के नियंत्रण की सर्वाधिक स्वीकृत विधि अपशिष्ट की मात्रा और विशेषताओं से सीमित होती है और यह उस सीमा तक जाती है जहां तक तटीय जल इसे समामेलित कर सकता है। इसे केवल तटीय क्षेत्रों की अपशिष्ट समामेलन क्षमता के निर्धारण द्वारा अर्जित किया जा रहा है क्योंकि अनेक स्थानों पर समुद्री जल की गुणवत्ता में गिरावट के संकेत दर्शाए गए हैं और भविष्य में इनके और भी खराब होने की संभावना है। अपशिष्ट समामेलन क्षमता के लिए सुरक्षित पानी की गुणवत्ता का मानदण्ड होना चाहिए क्योंकि इसके लक्ष्य जल की गुणवत्ता केवल इसमें डाले जाने वाले अपशिष्ट की मात्रा के आकलन से पूरे किए जा सकते हैं और समुद्री पारिस्थितिकी आविष विज्ञान परियोजनाएं अत्यंत अनिवार्य हैं और इन्हें जारी रखा जाना चाहिए, जो सुरक्षित समुद्री जल गुणवत्ता मानक निर्दिष्ट करती हैं।
एन्नोर की प्रवाल भित्तियों और तटीय जल जैसे पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रों के लिए विशिष्ट अधिवास स्थान गुणवत्ता मानदंड विकसित करना।
प्रदूषण नियंत्रण गतिविधियों में सहायता के रूप में चयनित धातुओं और कार्बनिक यौगिकों के लिए समुद्र के पानी का गुणवत्ता मानदंड ।
Last Updated On 02/17/2015 - 15:11 |