दक्षिण एशियाई देशों की जलवायु संबंधित समस्याएं समान बड़े पैमाने वाले वायुमंडलीय परिसंचरणों से प्रभावित है । समुद्र-वायुमंडल युग्मित वैश्विक जलवायु मॉडलों के आगमन से और लगभग दो शताब्दियों से इस क्षेत्र के लिए उपलब्ध प्रेक्षित डेटा के वृहत् खंड के साथ, संपूर्ण दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सरकारी योजनाकारों और आपदा प्रशमन समुदाय द्वारा विभिन्न प्रकार की जलवायु सेवाओं की मांग की जा रही है।
हाल ही में 2010 और 2011 में एसएएससीओएफ नामक दो संयुक्त मानसून ऋतुकालिक पूर्वानुमान अभ्यास एवं प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की गई, जिसे पडोसी देशों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है । आरसीसी का निर्माण ऐसी परस्परक्रियाओं के आसपास किया जाएगा ।
मौसम वैज्ञानिक परिवर्तनों, ट्रैस गेसों और ऐरोसोल का वायुमंडलीय सम्मिश्रण, समुद्र स्तर, हिमांकमंडलीय और जैवमंडलीय सूचना को कवर करते हुए विभिन्न प्रकार की प्रेक्षणात्मक सूचना का सम्मिश्रण महीनों से लेकर वर्षों तक और दशकीय समय पैमाने पर जलवायु और जलवायु प्रभावों के आकलन हेतु आवश्यक है । डेटा प्रबंधन, जीआईएस प्रोसेसिंग और अनुप्रयुक्त विश्लेषण के लिए केंद्रीयकृत दृष्टिकोण बेहद जरूरी है ।.
जिस में 60.00 करोड रू. का विदेशी विनिमय घटक भी शामिल है ।
(रू. करोड में)
स्कीम का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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जलवायु सेवाए | 10.00 | 20.00 | 15.00 | 10.00 | 5.00 | 60.00 |
Last Updated On 02/19/2015 - 12:43 |