मंत्रालय के कृषि मौसम विज्ञानी सेवा कार्यक्रम का कृषि उत्पादन पर सीधा असर पड़ता है। ये सेवाएं 550 जिलों में उपलब्ध हैं। किसानों को खेती के विभिन्न चरणों से पूर्व परामर्श सूचनाएं मिलती हैं। वर्तमानमें, लगभग 25 लाख किसान मोबाइल के माध्यम से इस सूचना का उपयोग कर रहे हैं। प्रौन्नत परामर्श सूचनाओं और राज्य सरकार प्राधिकरणों के निकट समन्वय से इस कार्यक्रम को, और अधिक कवरेज के लिए जारी रखा जाएगा।
लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ब्लॉक लेवल पर जिला एग्रोमेटइकाइयां (डीएवी) स्थापित की जाएंगी। यह आईसीएआर और कृषि विज्ञान केंद्रों के विद्यमान केंद्रों (एसएयू) को सुदृढ़ करेगा। ब्लॉक/तालुका स्तर पर उच्च विभेदन मौसम पूर्वानुमान की तैयारी की आवश्यकता है। विशेषकर उप-जिला स्तर पर अपेक्षाकृत छोटे क्षेत्रों में एग्रोमेट सेवा के लिए परामर्श सूचनाएं पूर्वानुमान जारी करने की शुरूआत करने का प्रस्ताव है। परामर्श सूचनाएं प्रसारित करने और और 50% कृषि समुदाय को कवर करने के लिए प्रयास बढ़ाने की आवश्यकता है। वाणिज्यिक क्षेत्र की फसलों और बागवानी फसलों जिसमें महत्वपूर्ण नकदी फसलों जैसे चाय, कॉफी, सेब, आम, गन्ना, कपास, अंगूर आदि की फसल उत्पादक एसोसिएशनों को शामिल करते हुए खेती में लगे किसानों को ज़रूरत के आधार पर एग्रोमेट परामर्श सूचना सेवाएं प्रदान की जाना हैं। एएएस में सुदूर संवेदन का अनुप्रयोग (जल भार के नीचे के क्षेत्र की फसल, उत्पादकता और मृदा नमी स्थिति, छोटे क्षेत्रों के लिए पूर्व चेतावनी कृमि और रोग फैलाने की संभावना के साथ अन्य जीवीय अथवा अजीवीय स्थितियां) का विस्तार किया जाना है। जलवायु जागरूकता कार्यक्रमों के साथ विस्तार कर्मियों और किसानों को प्रशिक्षण दिया जाना भी महत्वपूर्ण है, और इसकी योजना बनाई जानी चाहिए। यह देखने के लिए अध्ययन किए जाएंगे कि क्या मौसम आधारित परामर्श सूचनाओं का समग्र उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और खेती की लागत को किस प्रकार न्यूनतम किया जा सकता है। ये कार्य सभी क्षेत्रीय इकाइयों और डीएएमयू स्टेशनों पर किए जाएंगे।
(ड़) विदेशी विनिमय घटक सहित बजट आवश्यकता: 265.00 करोड़ रु.
(करोड़ रु. में)
स्कीम का नाम | 2012-13 | 2013-14 | 2014-15 | 2015-16 | 2016-17 | कुल |
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कृषि मौसम विज्ञान | 58.00 | 52.00 | 49.00 | 52.00 | 54.00 | 265.00 |
Last Updated On 05/26/2015 - 13:02 |